आलसी चूहा और मेहनती चींटी




एक समय की बात है। एक पेड़ के नीचे एक चूहा रहता था। उसी पेड़ के नीचे एक चींटी का परिवार भी रहता था। चूहा बहुत ही आलसी था। दिन भर अपने बिल में सोता रहता और जब भूख लगती तभी बिल से बाहर आता और खाना खा कर फिर अपने बिल में चला जाता।अक्सर जब भी वो बाहर निकलता उसे चींटियां काम करती नजर आती एक दिन उसने एक चींटी से पूछा कि जब भी मैं तुम्हें देखता हूं, तुम लोग काम करते रहते हो तुम क्या करते रहते हो ? चींटी ने बताया कि हम बारिश आने से पहले अपने घर में ढेर सारा खाना इकठ्ठा करते हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर हम उसे खा सकें।



चूहे ने कहा मैं कभी ऐसा नहीं करता तुम फालतू में इतनी मेहनत करती हो। चींटी ने कोई जवाब नहीं दिया और अपने काम में लग गई। चूहा भी अपने बिल में चला गया। कुछ महीनों बाद बारिश का मौसम आ गया । एक दिन बहुत बारिश हुई और वह दो दिन तक चलती रही। चूहा अपने बिल के बाहर बैठा हुआ था कि तभी चींटी ने देखा और बोली कैसे हो दोस्त। चूहे ने कहा मुझे बहुत भूख लगी है और बारिश है कि बंद होने का नाम ही नहीं ले रही। मैं ने कल से कुछ भी नहीं खाया। चिंटी उसे देख कर मुस्कुराने लगी। चूहे को यह देखकर गुस्सा आया उसने पूछा तुम मुस्कुरा क्यों रही हो ? चींटी ने कहा मेरे घर में इतना खाना है कि मैं एक महीने तक आराम से घर में रह कर खाना खा सकती हूं। चूहा यह बात सुनकर हैरान रह गया। और सोचने लगा कि काश मैंने भी चीटियों की तरह अपने घर में खाना इकट्ठा किया होता, तो आज मुझे भूखा ना रहना पड़ता। चींटी चूहे को इस तरह भूखा देख नहीं पाई और वह बोली कि अगर तुम चाहो तो मेरे घर में आकर खाना खा सकते हो। क्या सच में चूहे ने कहा। चूहा बहुत खुश हुआ और चींटी से बोला क्या तुम मुझे खाना दोगी। चींटी ने कहा हां बिल्कुल जरूर तुम आ सकते हो और चूहा चींटी के घर में गया और उसने पेट भर के खाना खाया। चूहे ने कहा धन्यवाद चींटी लेकिन चींटी उदास हो गई थी। चूहे ने कहा क्या हुआ तुम उदास क्यों हो गई। चींटी ने खाली बर्तनों की तरफ देखते हुए बोला तुम हमारा एक महीने का खाना एक ही बार में खा गए। चूहे को यह देखकर बड़ा अफसोस हुआ कि चीटियों ने इतनी मेहनत से इतने दिनों में जो खाना इकट्ठा किया था वह सारा उसने एक ही बार में खा लिया। चूहे ने कहा चींटी रानी तुम परेशान ना हो मैं तुम्हारा खाना इकट्ठा करने में मदद करूंगा। थोड़ी ही देर बाद बारिश भी रुक चुकी थी और चूहे ने चींटी से बोला मैं अभी आता हूं थोड़ी देर में जब चूहा आया तो साथ में चीटियों के लिए ढेर सारा खाना भी लेकर आया था। चींटी बहुत खुश हुई और चूहे को भी यह सीख मिल चुकी थी। कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इसलिए घर में थोड़ा खाना हमेशा रखना ही चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उसे खाया जा सके। चींटी और चूहा अब दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। और हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे।

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