Kid's Story | Moral Story | सच्ची मित्रता

सच्ची मित्रता

एक समय की बात है | एक जंगल में एक आम का पेड़ था | उस पेड़ पर एक तोता रहता था | वह बहुत घमंडी था , उसे अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था | वह उस पेड़ पर अकेले रहता था, और अगर उसके पेड़ पर कोई और पक्षी आ भी जाता तो वह उसे भगा देता था | एक दिन एक कौआ उस पेड़ पर आया, और उसने तोते से पूछा ,"मुझसे दोस्ती करोगे ?" तोते ने कहा कि यह मेरा पेड़ है और तुम यहाँ से चले जाओ | तो कौआ बोला कि यह पेड़ बहुत बड़ा है और हम दोनों पेड़ पर आराम से रह सकते हैं | यह सुन कर तोता बोला , तुम इस पेड़ पर नहीं रह सकते। तुम काले और कुरूप हो, और तुम्हारी आवाज़ तो उससे भी गन्दी, मुझे देखो मैं कितना सुन्दर हूँ | मैं तुम्हारे साथ इस पेड़ पर बिलकुल नहीं रह सकता | तुम यहाँ से चले जाओ | 

  यह सुन कर कौए को बहुत बुरा लगा और वह पास ही के दूसरे  पेड़ पर रहने लगा |

                  एक दिन तोता अपने घोंसले में आराम से सो रहा था तब ही एक सांप तोते को खाने आ गया | उस सांप को कौए ने आते हुए देख लिया और बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा | उस कौए की कॉंव कॉंव सुन कर तोते की आँख खुल गयी और उसने देखा की सांप उसके घोसले से बस थोड़ा  ही दूर है, तोता तुरंत उड़कर कौए के पास पहुँच गया | 

अब तक तोते को अपनी गलती का अहसास हो
चुका था  | तोते ने कौए से कहा "मुझे माफ कर दो दोस्त | मैंने तुम्हे उस दिन इतना बुरा भला कहा लेकिन फिर भी तुमने मेरी जान बचाई | आज से तुम मेरे सच्चे दोस्त हो | 

   सीख :- दोस्ती करने के लिए रंग-रूप नहीं बल्कि गुणों को प्राथमिकता देनी चाहिए | 

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